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लेखनी प्रतियोगिता -19-Oct-2022


साधना क्या है
स्वयं को साधना है
भरम की निद्रा से
उठकर जागना है।

तीर ले कर जैसे एक
कोई निशाना साधना है
लक्ष्य तक खुद को ले
जाना ही जगत में साधना है।

फर्क है कि लक्ष्य हो 
जो धर्म के हाथों तुला हो
पाप को जो भांप ले और
जिसका अंतर्मन खुला हो।

दूर अपशब्दों से होना
ये वचन की साधना है
हर व्यसन से मुक्त होना
तन बदन की साधना है।

आहार को सात्विक बनाना
स्वाद की ये साधना है
अच्छे उच्च विचार रखना
ये भी मन की साधना है।

बात बस अपनी है तो
अच्छा कर्मयोगी बनें
और जगत की हो जरूरत
तो उपयोगी बनें।

मन लगाना भक्ति में
आराधना है
और प्रभु के योग्य 
बनना साधना है।

दैनिक प्रतियोगिता हेतु।



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8 Comments

Reena yadav

20-Oct-2022 04:15 PM

👍👍🌺

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Gunjan Kamal

20-Oct-2022 10:38 AM

बहुत खूब

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Raziya bano

20-Oct-2022 10:38 AM

Nice

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